28 बैंक खातों का खुलासा: नोएडा में साइबर ठग धरा, 52 लाख की ठगी

Partap Singh Nagar
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28 बैंक खातों का खुलासा: नोएडा में साइबर ठग धरा, 52 लाख की ठगी

Noida News : नोएडा पुलिस ने एक साइबर अपराधी जमुना प्रसाद रावत को गिरफ्तार किया है, जिसने डिजिटल अरेस्ट का भय दिखाकर एक व्यक्ति से 52 लाख 50 हजार रुपए की धोखाधड़ी की। यह गिरफ्तारी 10 अक्टूबर 2024 को की गई, जब पुलिस ने स्थानीय इंटेलिजेंस और गोपनीय सूचना के आधार पर कार्रवाई की।

घटना का विवरण

29 अगस्त 2024 को एक व्यक्ति ने नोएडा साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में कहा गया था कि अज्ञात अपराधी ने ट्राई का कर्मचारी बनकर उसके मोबाइल और आईडी का उपयोग कर मनी लांड्रिंग का भय दिखाया। अपराधी ने वादी को बताया कि इस मामले की सुनवाई सर्वोच्च न्यायालय में हो रही है और उसे स्काई ऐप डाउनलोड कराकर वीडियो कॉल के माध्यम से डिजिटल कस्टडी में लिया गया।

धोखाधड़ी की प्रक्रिया

साइबर अपराधी ने वादी से कहा कि उसकी धनराशि की जांच आरबीआई द्वारा की जाएगी और इसके लिए उसे आटीजीएस/आइएमपीएस के माध्यम से 52 लाख 50 हजार रुपए फर्जी बैंक खाते में जमा करने के लिए कहा गया। वादी ने इस प्रक्रिया के लिए कैश और लोन भी लिया।

अभियुक्त की जानकारी

जमुना प्रसाद रावत, उम्र लगभग 40 वर्ष, ग्राम कोरना चमरुआ, थाना मुरसान, जिला हाथरस का निवासी है। पूछताछ में उसने बताया कि वह फर्जी बैंक खाते तैयार कर अपने साथी भोले को किराए पर देता था। उसके बैंक खाते में वादी के खाते से 2 लाख रुपए आए हैं।

कानूनी कार्रवाई

साइबर क्राइम पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 2 लाख 59 हजार रुपए को फ्रीज़ कर दिया है। इन धनराशियों को न्यायालय के आदेश से वादी को वापस करने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही, अभियुक्त के साथी भोले की गिरफ्तारी के प्रयास भी जारी हैं।

अभियुक्त का आपराधिक इतिहास

जमुना प्रसाद रावत के खिलाफ पहले से भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें भारतीय विध्युत अधिनियम और आईपीसी की विभिन्न धाराएं शामिल हैं।

साइबर जागरूकता सुझाव

1. डिजिटल अरेस्ट: पुलिस किसी को भी फोन कॉल पर डिजिटल अरेस्ट नहीं करती है।
2. सुनवाई प्रक्रिया: सर्वोच्च न्यायालय या किसी अन्य न्यायालय द्वारा फोन कॉल के माध्यम से सुनवाई नहीं की जाती है।
3. धन का सत्यापन: आरबीआई या किसी अन्य संस्था द्वारा आपके खाते से फिजिकल मनी का सत्यापन नहीं किया जाता है।
4. फर्जी खाते: ऐसा कोई सरकारी बैंक खाता या आरबीआई का SSA खाता नहीं है जिसमें पैसे ट्रांसफर कराकर जांच की जाती हो।
5. सतर्कता: यदि आपको सीबीआई, साइबर अधिकारी या आरबीआई का अधिकारी बनकर फोन कॉल आती है, तो तुरंत अपने निकटवर्ती थाने से संपर्क करें और साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें। http://www.cybercrime.gov.inपर अपनी शिकायत तत्काल दर्ज करायें।

इस मामले ने साइबर धोखाधड़ी के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को उजागर किया है।

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