Greater Noida phase-2 : गौतम बुद्ध नगर की दादरी और बुलंदशहर की सिकंद्राबाद तहसीलों के 80 गांवों की जमीन पर दादरी-नोएडा-गाजियाबाद निवेश क्षेत्र बसाने के लिए नोएडा प्राधिकरण तेजी से काम कर रहा है। इस औद्योगिक क्षेत्र को “न्यू नोएडा” नाम दिया गया है। इसके साथ ही, ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने अपनी महत्वाकांक्षी परियोजना ग्रेटर नोएडा फेज-2 को बसाने के लिए जोरशोर से तैयारियां शुरू कर दी हैं।
ग्रेटर नोएडा फेज-2 का विकास क्षेत्र
ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण गौतम बुद्धनगर जिले की दादरी, हापुड़ जिले की धौलाना और बुलंदशहर के गुलावठी क्षेत्र के 144 गांवों पर ग्रेटर नोएडा फेज-2 नाम से नया औद्योगिक शहर बसाने जा रहा है। इस परियोजना के लिए जोरदार तैयारियां चल रही हैं।
शुरुआती चरण: सादोपुर और बादलपुर गांव
ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण सादोपुर और बादलपुर गांवों से ग्रेटर नोएडा फेज-2 औद्योगिक शहर की शुरुआत करेगा। इन गांवों में औद्योगिक सेक्टर बसाए जाएंगे। प्राधिकरण के पास इन दोनों गांवों में 230 हेक्टेयर जमीन उपलब्ध है, जो 2008 में भूमि अधिग्रहण के माध्यम से अर्जित की गई थी।
निवेशकों का आकर्षण
ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार के अनुसार, गौतम बुद्ध नगर में बेहतर ढांचागत सुविधाएं और विश्वस्तरीय कनेक्टिविटी के कारण निवेशकों का ध्यान आकर्षित हो रहा है। देश और दुनिया के निवेशक यहां पूंजी निवेश करना चाहते हैं, जिससे क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
औद्योगिक भूखंडों की योजना
ग्रेटर नोएडा फेज-2 में औद्योगिक भूखंडों की योजना लाई जाएगी। इसके लिए शासन से औद्योगिक भूखंडों के आवंटन की नीति का इंतजार किया जा रहा है। सादोपुर और बादलपुर में औद्योगिक सेक्टर बसाने के लिए लेआउट प्लान तैयार करने पर तेजी से काम चल रहा है।
अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई
सीईओ एनजी रवि कुमार ने बताया कि ग्रेटर नोएडा फेज-2 के अधिसूचित क्षेत्र में अवैध कॉलोनियों का तेजी से विकास हो रहा है, जो नए शहर के विकास में बाधा बन रही हैं। प्राधिकरण ने भूमाफियाओं पर कड़ी कार्रवाई करने का निर्णय लिया है और ऐसी अवैध कॉलोनियों को ध्वस्त किया जाएगा।
ग्रेटर नोएडा फेज़-2 का विकास उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह परियोजना क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने, रोजगार के अवसर पैदा करने और एक आधुनिक औद्योगिक शहर स्थापित करने के उद्देश्य से शुरू की गई है। हालांकि, अवैध कॉलोनियों जैसी चुनौतियों से निपटना अभी भी बाकी है।