Greater Noida News : सुप्रीम कोर्ट ने यमुना प्राधिकरण (यीडा) के विकास कार्यों को गति देने के लिए किसानों की याचिकाओं को खारिज कर दिया है। इस महत्वपूर्ण फैसले के बाद, प्राधिकरण के अधीन रुकी परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। यह निर्णय 13 गांवों की जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा।
नो लिटिगेशन बोनस की असफलता
यमुना प्राधिकरण ने अब तक 29 गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया है, लेकिन किसानों की याचिकाओं और विवादों ने प्राधिकरण की योजनाओं को बाधित किया है। सरकार ने किसानों को 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त राशि “नो लिटिगेशन बोनस” के रूप में देने का निर्णय लिया था, लेकिन इससे समस्या का समाधान नहीं हो पाया।
आवंटियों को कब्जा नहीं मिला, विकास कार्य ठप
आवासीय और औद्योगिक क्षेत्रों में भूखंड आवंटियों को एक दशक बाद भी कब्जा नहीं मिल पाया है। सेक्टर 18, 20, 21, 24, 32, और 33 में स्थिति गंभीर है। जिन लोगों को भूखंड मिले हैं, वे बुनियादी सुविधाओं के अभाव में बसने में असमर्थ हैं। रुकी परियोजनाओं में सीवर, पेयजल पाइपलाइन और प्रमुख सड़कों का निर्माण शामिल है, जिससे विकास कार्य ठप हो गए हैं।
फिल्म सिटी और ट्रामा सेंटर का रास्ता साफ
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, सेक्टर 21 में प्रस्तावित फिल्म सिटी और सेक्टर 22ई में अस्पताल व ट्रामा सेंटर का निर्माण अब संभव हो सकेगा। जमीन की अड़चन समाप्त होने के बाद इन परियोजनाओं पर काम जल्द शुरू होने की उम्मीद है।
जल्द मिलेगा भूखंडों पर कब्जा
प्राधिकरण के ओएसडी राजेश कुमार ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट में विचाराधीन याचिकाओं पर भी सकारात्मक फैसला आने की उम्मीद है। अब भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में तेजी आएगी और आवंटियों को भूखंडों पर जल्द कब्जा मिल सकेगा।
इस फैसले से न केवल विकास कार्यों में तेजी आएगी, बल्कि क्षेत्र के निवासियों को भी बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी।