New Noida News : न्यू नोएडा के विकास के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने वाली है। आगामी नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में जमीन अधिग्रहण की दरों पर महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे। इस बैठक में गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर के जिलाधिकारी भी बतौर सदस्य शामिल होंगे।
जमीन अधिग्रहण की दरों का निर्धारण
नोएडा प्राधिकरण ग्रेटर नोएडा और बुलंदशहर प्राधिकरण, दोनों जिलों के प्रशासन से जमीन की दरों की जानकारी प्राप्त कर चुका है। प्राधिकरण द्वारा गठित समिति इन दरों का अध्ययन कर प्रस्ताव तैयार कर रही है, जिसे बोर्ड बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा। बोर्ड द्वारा तय की गई दरों के आधार पर ही किसानों से जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा।
जमीन अधिग्रहण की शुरुआत
न्यू नोएडा में जमीन अधिग्रहण की शुरुआत सिकंदराबाद औद्योगिक क्षेत्र के पास जोखाबाद और सांवली गांव के सामने से करने की योजना है। पहले चरण के लिए चिह्नित क्षेत्र में ग्रेटर नोएडा का भी हिस्सा शामिल है।
जमीन दरों में अंतर
नोएडा, ग्रेटर नोएडा और बुलंदशहर की जमीन दरों में अंतर है। बुलंदशहर की जमीन की दरों पर स्थानीय किसान जमीन देने के लिए तैयार नहीं हैं। इसलिए न्यू नोएडा के लिए अलग से जमीन दरें तय करने का निर्णय लिया गया है।
अस्थाई दफ्तर के लिए जमीन
प्राधिकरण शुरुआत के लिए अस्थाई दफ्तर के लिए जमीन की तलाश कर रहा है। लगभग 10 हजार वर्ग मीटर जमीन दफ्तर के लिए अधिग्रहित की जाएगी।
विकास के लिए जमीन का अधिग्रहण
प्लॉट निकालने और विकास के लिए जमीन लेने की शुरुआत ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे और जीटी रोड के संगम स्थल से होगी। इस क्षेत्र के मास्टर प्लान में औद्योगिक और संस्थागत उपयोग की जमीन शामिल है। हालांकि, संस्थागत जमीन पर अभी प्लॉट नहीं निकाले जाएंगे।
न्यू नोएडा का विकास योजना
न्यू नोएडा को चार चरणों में बसाया जाएगा। पहले चरण में 3165 हेक्टेयर जमीन पर विकास कार्य 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य है। दूसरे चरण में 3798 हेक्टेयर जमीन का विकास 2032 तक, तीसरे चरण में 5908 हेक्टेयर जमीन का विकास 2037 तक और चौथे चरण में 8230 हेक्टेयर जमीन पर विकास कार्य 2041 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
किसानों से जमीन अधिग्रहण
किसानों से जमीन आपसी समझौते के आधार पर ली जाएगी।
न्यू नोएडा के विकास के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने वाली है। जमीन की दरों का निर्धारण बोर्ड बैठक में किया जाएगा। किसानों से आपसी समझौते के आधार पर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा।