Manipur Chief Minister Biren Singh resigns: मणिपुर में मई 2023 से जारी जातीय हिंसा के बीच मुख्यमंत्री बीरेन सिंह की भूमिका पर सवाल उठ रहे थे। विपक्षी दल कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव लाने की योजना बनाई थी, जिसके चलते बीरेन सिंह के इस्तीफे की अटकलें तेज हो गईं। इसके अलावा, बीजेपी के कुछ असंतुष्ट विधायकों ने भी उनके इस्तीफे की मांग की थी।

इस्तीफे का कारण
1. अविश्वास प्रस्ताव की चर्चा : विपक्ष द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाने की योजना ने बीरेन सिंह के इस्तीफे को तेज कर दिया। विधानसभा में बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन के पास बहुमत था, लेकिन असंतुष्ट विधायकों के कारण स्थिति नाजुक थी।
2. जातीय हिंसा: मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जारी हिंसा ने राज्य की स्थिति को बिगाड़ दिया था। इस हिंसा में 250 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी थी, जिसके लिए बीरेन सिंह की सरकार को जिम्मेदार ठहराया गया।
3. बीजेपी विधायकों का दबाव : बीजेपी के 19 विधायकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर बीरेन सिंह के इस्तीफे की मांग की थी। उनका कहना था कि बीरेन सिंह की नीतियों ने राज्य में शांति स्थापित करने में विफल रही हैं।
इस्तीफे की प्रक्रिया
बीरेन सिंह ने 9 फरवरी 2025 को राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य से मुलाकात की और इस्तीफा सौंपा। इससे पहले, उन्होंने सत्तारूढ़ विधायकों के साथ बैठक की, जिसमें कुछ विधायक अनुपस्थित रहे। इसके बाद वे दिल्ली गए, जहां उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात की।
बीरेन सिंह का बयान
इस्तीफे के बाद बीरेन सिंह ने कहा कि उन्होंने यह निर्णय राज्य की शांति और स्थिरता को ध्यान में रखते हुए लिया। उन्होंने कहा, “मैं अपने महान राष्ट्र और मणिपुर के प्यारे लोगों की शांति, समृद्धि और कल्याण के लिए प्रार्थना करता हूं।” उन्होंने यह भी कहा कि वे भविष्य में भी राज्य की सेवा करते रहेंगे।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
विपक्ष: कांग्रेस ने बीरेन सिंह के इस्तीफे का स्वागत किया और कहा कि यह राज्य में शांति स्थापित करने की दिशा में पहला कदम है।
बीजेपी : बीजेपी नेतृत्व ने बीरेन सिंह के इस्तीफे को एक “आवश्यक कदम” बताया और कहा कि वे जल्द ही नए मुख्यमंत्री की घोषणा करेंगे।
भविष्य की रणनीति
बीजेपी नेतृत्व ने कहा कि वे जल्द ही नए मुख्यमंत्री की घोषणा करेंगे। इसके अलावा, राज्य में शांति स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार ने विशेष कदम उठाने का फैसला किया है, जिसमें सुरक्षा बलों की तैनाती और जातीय समूहों के बीच संवाद शामिल है।