फरीदाबाद- ग्रेटर नोएडा मंझावली पुल परियोजना: 11 साल बाद आया नया मोड़,25.62 करोड़ का बजट जारी, जमीन अधिग्रहण शुरू

Faridabad-Greater Noida Manjhawali Bridge Project: A new turn after 11 years, budget of Rs 25.62 crore released, land acquisition started

Bharatiya Talk
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फरीदाबाद- ग्रेटर नोएडा मंझावली पुल परियोजना: 11 साल बाद आया नया मोड़,25.62 करोड़ का बजट जारी, जमीन अधिग्रहण शुरू

Faridabad-Greater Noida Manjhawali Bridge Project / भारतीय टॉक न्यूज़ : फरीदाबाद और ग्रेटर नोएडा के बीच यातायात को सुगम बनाने वाली मंझावली पुल परियोजना में एक नया अध्याय शुरू हो गया है। वर्ष 2014 में शुरू हुई इस महत्वाकांक्षी परियोजना की राह में आ रही अड़चनें अब दूर होती नजर आ रही हैं। सरकार ने इसके लिए 25.62 करोड़ रुपये का बजट जारी किया है, जिससे जिला प्रशासन ने किसानों से जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज कर दी है। यह परियोजना न केवल यात्रा समय को कम करेगी, बल्कि क्षेत्र के आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगी।

 परियोजना का इतिहास और शिलान्यास

मंझावली पुल परियोजना की शुरुआत 15 अगस्त 2014 को हुई, जब केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इसकी आधारशिला रखी थी। यह परियोजना हरियाणा और उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में देखी गई थी। हालांकि, भूमि अधिग्रहण और मुआवजे को लेकर किसानों के साथ विवाद के कारण यह पिछले 11 सालों से अधर में लटकी हुई थी। अब सरकार के नए बजट और प्रशासन की सक्रियता से यह सपना हकीकत में बदलने की ओर बढ़ रहा है।

 बजट और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया

हाल ही में सरकार ने मंझावली पुल परियोजना के लिए 25.62 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया है। इस राशि के साथ जिला प्रशासन ने किसानों से जमीन खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए सार्वजनिक नोटिस जारी किया गया है, और प्रशासन ने अगले सप्ताह तक इस प्रक्रिया को पूरा करने का लक्ष्य रखा है। लगभग 6.5 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाना है, जिसके लिए 40 किसानों को 3720 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा दिया जाएगा। यह कदम परियोजना को गति देने में निर्णायक साबित होगा।

 यात्रा समय में कमी और यातायात सुगमता

फिलहाल, फरीदाबाद से ग्रेटर नोएडा पहुंचने में लगभग डेढ़ से दो घंटे का समय लगता है, क्योंकि लोगों को दिल्ली या कालिंदी कुंज के रास्ते से होकर जाना पड़ता है। मंझावली पुल के शुरू होने के बाद यह दूरी महज 15 से 30 मिनट में तय की जा सकेगी। यह चार लेन वाला 630 मीटर लंबा पुल यमुना नदी पर बनाया गया है, जो दोनों शहरों के बीच सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि ईंधन खपत और यातायात जाम की समस्या भी कम होगी।

 हरियाणा और उत्तर प्रदेश का योगदान

इस परियोजना का हरियाणा हिस्सा लगभग पूरा हो चुका है, जिसमें मंझावली गांव के पास यमुना नदी पर पुल का निर्माण शामिल है। अब ग्रेटर नोएडा की ओर लगभग एक किलोमीटर सड़क बनाना बाकी है। उत्तर प्रदेश प्रशासन ने भी इस दिशा में कदम उठाए हैं और जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को तेज करने का भरोसा दिया है। दोनों राज्यों के संयुक्त प्रयास से यह परियोजना जल्द ही लोगों के लिए उपलब्ध होगी।

क्षेत्रीय विकास और आर्थिक लाभ

मंझावली पुल के चालू होने से फरीदाबाद और ग्रेटर नोएडा के बीच व्यापार, शिक्षा और रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। यह पुल दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे और यमुना एक्सप्रेसवे से भी कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा, जिससे एनसीआर क्षेत्र में यातायात का दबाव कम होगा। स्थानीय व्यापारियों और उद्योगों को सीधा लाभ मिलेगा, और जमीन की कीमतों में भी बढ़ोतरी की संभावना है।

 अगला कदम और उम्मीदें

प्रशासन का दावा है कि मुआवजा वितरण और जमीन अधिग्रहण के बाद सड़क निर्माण का कार्य जल्द शुरू हो जाएगा। अगर सब कुछ योजना के अनुसार चला, तो मार्च 2025 तक इस पुल पर यातायात शुरू हो सकता है। फरीदाबाद और ग्रेटर नोएडा के निवासियों के लिए यह एक बड़ी राहत होगी, जो लंबे समय से इस परियोजना के पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं।

 

 

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