Sikandrabad / भारतीय टॉक न्यूज़ : ग्राम तिल बेगमपुर में आज लोहारली टोल प्लाजा प्रशासन की कथित तानाशाही के खिलाफ एक बड़ी पंचायत का आयोजन किया गया। इस पंचायत में लोहारली टोल प्लाजा से प्रभावित 46 गांवों के किसान प्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। पंचायत में टोल प्रशासन द्वारा पहले से चली आ रही छूट को समाप्त करने पर रोष व्यक्त किया गया और 24 अप्रैल से टोल प्लाजा पर अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू करने का निर्णय लिया गया।

पुरानी व्यवस्था खत्म करने से ग्रामीणों में नाराजगी, भुखमरी की कगार पर पहुंचे परिवार
पंचायत में किसानों ने बताया कि पहले लोहारी टोल प्लाजा पर आसपास के 40 गांवों के सभी प्रकार के निजी और व्यावसायिक वाहनों को टोल से मुक्त रखा जाता था, जिसके लिए उनकी सूची बनी हुई थी। लेकिन जब से टोल का संचालन नई कंपनी के हाथ में आया है, तब से इस पुरानी व्यवस्था को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। भारतीय किसान यूनियन मंच ने इस मुद्दे को लेकर लगातार डीएम ऑफिस से लेकर एसडीएम ऑफिस तक आवाज उठाई और एक बार महापंचायत भी आयोजित की, लेकिन हर बार केवल आश्वासन ही मिला, कोई स्थायी समाधान नहीं निकल सका। किसानों का कहना है कि अब स्थिति यह है कि आसपास के लोग अपनी गाड़ियां बेचने को मजबूर हैं और आय का कोई अन्य साधन न होने के कारण हजारों परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कहीं भी 2 किलोमीटर के लिए कमर्शियल टोल नहीं वसूला जाता, लेकिन सिकंदराबाद के आसपास के गांवों की इस समस्या पर बार-बार कहने के बावजूद कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
24 अप्रैल से टोल प्लाजा पर अनिश्चितकालीन आंदोलन का निर्णय
इसी समस्या को लेकर भारतीय किसान यूनियन मंच के तत्वावधान में आज फिर पंचायत हुई, जिसमें यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया कि आने वाली 24 अप्रैल से लोहारली टोल प्लाजा पर एक बड़ा और अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू किया जाएगा। किसानों ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक पहले की व्यवस्था को दोबारा लागू नहीं कर दिया जाता। इस घोषणा के बाद क्षेत्र के लोगों में एक उम्मीद की किरण जगी है और माना जा रहा है कि जल्द ही हजारों लोग इस आंदोलन से जुड़ेंगे और टोल प्रशासन की इस ‘तानाशाही’ को खत्म करके ही दम लेंगे।
किसान यूनियन नेताओं ने दी चेतावनी, आर-पार की लड़ाई का ऐलान
भारतीय किसान यूनियन मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुधीर चौहान ने इस अवसर पर शासन, प्रशासन और सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि टोल की पहले जैसी व्यवस्थाओं को तुरंत लागू कराया जाए। उन्होंने उन अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की जिन्होंने इस व्यवस्था को बदला है और बार-बार झूठे आश्वासन देकर किसानों को गुमराह किया है। चौहान ने साफ कहा कि इस बार का आंदोलन किसी भी झूठे आश्वासन पर समाप्त नहीं होगा, बल्कि तब तक चलेगा जब तक पुरानी व्यवस्था बहाल नहीं हो जाती। प्रदेश अध्यक्ष मास्टर मनमिंदर भाटी ने भी किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि अबकी बार आर-पार की लड़ाई होगी और जब तक समस्या का समाधान नहीं होगा, तब तक किसान घर वापस नहीं लौटेंगे।