Greater Noida News/ भारतीय टॉक न्यूज़: – थाना बीटा-2 पुलिस ने ग्रेटर नोएडा में प्रतिबंधित कछुओं की तस्करी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए दो तस्करों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके कब्जे से 33 दुर्लभ प्रजाति के कछुए बरामद किए हैं, जिन्हें बेचने की फिराक में थे।
पुलिस को मिली गुप्त सूचना
एडीसीपी ग्रेटर नोएडा, सुधीर कुमार ने बताया कि 24 मई, 2025 को एक एनिमल वेलफेयर एनजीओ के सदस्य ने थाना बीटा-2 पुलिस को सूचना दी थी कि कुछ व्यक्ति प्रतिबंधित कछुओं की खरीद-फरोख्त और तस्करी में लिप्त हैं। सूचना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने तत्काल एक टीम गठित की।
ग्राम नट मढैय्या से हुई गिरफ्तारी
पुलिस टीम ने सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए ग्राम नट मढैय्या के पास जाल बिछाया। यहां पुलिस ने दो संदिग्धों, रिंकू पुत्र श्रवण और सोनू पुत्र अखिलेश को रोका। तलाशी लेने पर इनके कब्जे से एक थैले में रखे 33 प्रतिबंधित कछुए बरामद हुए। पुलिस ने दोनों को तुरंत गिरफ्तार कर लिया।
कैसे करते थे तस्करी?
पूछताछ के दौरान अभियुक्तों ने बताया कि वे ऑर्डर मिलने पर इन प्रतिबंधित कछुओं को पकड़ते थे और फिर उन्हें ऊंचे दामों पर बेचकर मुनाफा कमाते थे। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि उनका एक साथी, भीम, पहले भी दिल्ली पुलिस द्वारा 100 कछुओं के साथ गिरफ्तार हो चुका है, जो उनके नेटवर्क के बड़े पैमाने पर काम करने का संकेत देता है।
वन विभाग को सौंपे गए कछुए
पुलिस ने बरामद सभी 33 कछुओं को सुरक्षित रखने के लिए वन विभाग की टीम को मौके पर बुलाया। वन्यजीव अधिकारियों की देखरेख में इन कछुओं को वन विभाग को सौंप दिया गया है, ताकि उन्हें उनके प्राकृतिक आवास में वापस छोड़ा जा सके या संरक्षण के लिए उचित उपाय किए जा सकें।
गिरफ्तार अभियुक्तों की पहचान
गिरफ्तार किए गए दोनों अभियुक्त मूल रूप से हापुड़ जिले के गढ़मुक्तेश्वर थाना क्षेत्र के ग्राम रती के रहने वाले हैं। वर्तमान में वे गौतमबुद्धनगर के थाना बीटा-2 क्षेत्र में स्थित नट मढैय्या की झुग्गियों में रह रहे थे।
🔸 रिंकू पुत्र श्रवण: निवासी ग्राम रती, थाना गढ मुक्तेश्वर, जिला हापुड़; वर्तमान पता: झुग्गी नट मढैय्या, थाना बीटा-2, गौतमबुद्धनगर।
🔸सोनू पुत्र अखिलेश: निवासी ग्राम रती, थाना गढ मुक्तेश्वर, जिला हापुड़; वर्तमान पता: झुग्गी नट मढैय्या, थाना बीटा-2, गौतमबुद्धनगर।
पुलिस अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों और इनके नेटवर्क की जांच कर रही है, ताकि वन्यजीवों की तस्करी पर पूरी तरह से लगाम लगाई जा सके।